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Channel: कविता – gurtur goth
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गांव के पीरा

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गांव ह गंवागे हमर शहर के अबड़ देखाई मा।
मया अउ पीरा गंवागे सवारथ के सधाई मा।।
सोनहा हमर भुइयां गवांगे कारखाना के लगाई मा।
दुबराज धान के महक गंवागे यूरिया के छिंचाई मा।
ममा मामी कका काकी गंवागे
अंकल आंटी कहाई मा
सुआ नाच के गीत गंवागे
डी जे के नचाई मा।।
बिसाहू भाई के चौपाल गंवागे
टी वी के चलाईं मा।
किसान मन के ददरिया गंवागे
चाइना मोबाइल धरई मा।
पहुना मन के मान गंवागे
राम रहीम के गोठ गंवागे
आपस के लड़ाई मा,
सुघ्घर हमर संस्कार गंवागे
दारू गांजा के पियाई मा।।
गियाँ अउ मितान गंवागे
सवारथ के खाई म
मया के हमर बंधना गंवागे
एक दूसर जे अनदेखाई मा।

अविनाश तिवारी

अमोरा जांजगीर चाम्पा

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ये जमाना बिगड़ गे

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ये जमाना बिगड़गे रे भाई
ये जमाना बिगड़गे रे
:-गुल्ली डण्डा के खेलईया सिरागे…2
ओ जमाना निकलगे रे…
ये जमाना बिगड़गे रे भाई
ये जमाना बिगड़गे रे

गाड़ी फंदईया अऊ दऊंरी खेदईया,
कहाँ नंदागे ओ सियान
मोटर गाड़ी के जमाना हा आगे,
कोन करे अब खियाल
:-बईला नांगर के फंदईया नंदागे…2
ओ जमाना निकलगे रे…
ये जमाना बिगड़गे रे भाई
ये जमाना बिगड़गे रे

अंगाकर रंधईया अऊ चिला सेंंकईया,
ओ मनखे लुकागे जी
ठेठरी खुरमी अऊ सुहांरी खवईया,
ओ जमाना गवांगे जी
:-छत्तीगढ़ीया बियंजन नंदागे…2
ओ जमाना निकलगे जी…
ये जमाना बिगड़गे रे भाई
ये जमाना बिगड़गे रे

लोरी गवईया अऊ किस्सा सुनईया,
डोकरी दाई नंदागे जी
भौरा बांटी अऊ घर गुंदीया खेलईया,
मोर संगवारी गंवागे जी
:-गुल्ली डण्डा के खेलईया सिरागे…2
ओ जमाना निकलगे जी…
ये जमाना बिगड़गे रे भाई
ये जमाना बिगड़गे रे

गोकुल राम साहू
धुरसा-राजिम(घटारानी)
जिला-गरियाबंद(छत्तीसगढ़)
मों.9009047156

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छेरछेरा

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सबो संगवारी मिलके, झोला धरके जाथे।
सब के मुहाटी मा, जा जा के चिल्लाथे।।
छेरछेरा छेरछेरा, माई कोठी के धान ल हेरहेरा।
अरन बरन कोदो दरन, जभे देबे तभे टरन।।
कोनो देथे रूपया पइसा, कोनों धान ल देथे।
धान मन ला बेंच के, पइसा ल बांट लेथे।।
पुन्नी के मेला जी, इही दिन होथे।
पइसा ल धरथे अऊ, मेला घूमे ल जाथे।।
सबो संगवारी मन, मेला म मिलथे।
हांस हांस के सबो झन, झूला ल झूलथे।।
घूम घूम के अब्बड़, चाट गुपचुप खाथे ।
पेठा अऊ रखिया पाख धरके, घर डाहर जी जाथे।।

प्रिया देवांगन ” प्रियू”
पंडरिया
जिला – कबीरधाम (छत्तीसगढ़)
Priyadewangan1997@gmail.com

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मोर छत्तीसगढ़ महतारी

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1. जिंहा खिले-फुले धान,
सुग्घर खेत अउ खलिहान।
देवी-देवता के हे तीर्थ धाम,
कहिथे ग इंहा के किसान।
मोर छत्तीसगढ़ महतारी,
हे ग महान…….!

2. दुख पीरा के हमर दुर करइया,
हरय हमर छत्तीसगढ़ मइया।
हरियर-हरियर हे दाई के अंगना,
कहिथे ग इंहा के लइका अउ सियान।
मोर छत्तीसगढ़ महतारी,
हे ग महान…..!

3. माटी ल मांथा म लगाके देखबे,
चन्दन – बंदन ल भुला जाबे।
गुलाब कस सुंगंध दिही,
कहिथे ग इंहा के मजदूरमन।
मोर छत्तीसगढ़ महतारी,
हे ग महान……!

4. सुत उठ के करथंव प्रणाम,
इही मोर दाई-ददा अउ भगवान।
जेखर करंव घेरी-भेरी बखान,
कहिथे ग इंहा के पुलिस अउ जवान।
मोर छत्तीसगढ़ महतारी,
हे ग महान…..!

डोमन निषाद “डेविल”
ग्राम – डूण्डा (बेमेतरा)
जिला-बेमेतरा छत्तीसगढ़
मो. 9755394291

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सरसती वंदना

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वीणा बजईया सरसती मंईयाँ..2
मोला तार लेना ओ…
तोरे चरण मं आऐ हंव दाई
मोला गियान देना ओ…2

कोंदा लेड़गा तोर चरण मं आके,
सुर मं सुर मिलाये ओ
गईया बछरू तोर मयां ला पाके,
मंईयाँ-मंईयाँ रम्भाऐ ओ
:-गीयान देवईया सरसती मंईयाँ..2
मोला उबार लेना ओ…
तोरे चरण मं आऐ हंव दाई
गियान देना ओ…2

चिरई-चिरगुण सातो सुर ला पाके,
मंईयाँ-मंईयाँ गोहराऐ ओ
सुआ पंड़की कोईली परेवना,
महिमा ला तोर बखाने ओ
:-बुद्धि देवईया वीणा बजईया..2
मोला तार लेना ओ…
तोरे चरण मं आऐ हंव दाई,
मोला गियान देना ओ…2

बड़े-बड़े गियानी धियानी ला,
दाई तँय हर तारे ओ
गोकुल ला देदे गियान ओ दाई,
चरण शरण गोहराऐ ओ
:-चरण मं मांथ नवाये हंव मंईयाँ..2
मोला तार लेना ओ…
तोरे चरण मं आऐ हंव दाई
मोला गियान देना ओ…2

गोकुल राम साहू
धुरसा-राजिम(घटारानी)
जिला-गरियाबंद(छत्तीसगढ़)
मों.9009047156

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आजादी के गीत

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खूने-खून के नदिया बोहाइस,
परान छुटत ले लड़े हे।
आजाद कराय बर देस ल,
दुस्मन संग भिड़े हे।
उही लहू के करजा ल,
अब चुकाये ल परही।
आजादी के गीत ल,
मिलके गाये ल परही।।…
घर दुवार के मोह छोड़ के,
देस के रक्छा करे हे।
भारत माँ के लाज बर,
आगी अँगरा म जरे हे।
जग ल अँजोर करइया बर,
एक दीया जलाये ल परही।
आजादी के गीत ल,
मिलके गाये ल परही।।…
जवान मन के बल देख,
मउत घलो ह हारे हे।
देस धरम के नास करइया,
बइरी मन ल मारे हे।
कतेक सहिबो अतियाचार,
तलवार उठाये ल परही।
आजादी के गीत ल,
मिलके गाये ल परही।।…

केशव पाल,
मढ़ी(बंजारी) सारागांव,
तिल्दा-नेवरा रायपुर(छ.ग.)
9165973868

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मोर भारत भूइयाँ ल परनाम

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देस के बीर जवान जेन करिस काम महान,
देस के आजादी बर गवाँ दिस परान,
अइसन पुन के माटी म धरेंव जनम।
मोर भारत भूइयाँ ल परनाम।।

धन हे वो कोरा जेमा बीर खेलिस,
दूध के करजा ल लहू देके चुकइस
बेरा अब आय हे लेके ओखर नाम,
मोर भारत भूइयाँ ल परनाम।।

अंगरेज मन के कारन हमर
जिनगी होगे रहिस हराम,
भगतसिंह,गांधी मन के
मेहनत के हरय ये परिनाम,
वोखरे सेती करत हाबन बेफिकर
होके काम।
मोर भारत भूइयाँ ल परनाम।।

अजादी के बाद समसिया आगे महान,
जेकर बाबा अम्बेडकर ह करिस समाधान
दु साल गियारा महीना अट्ठारह दीन म
कर दिस सबले बड़का संविधान के निरमान।
मोर भारत भूइयाँ ल परनाम।।

छब्बीस जनवरी के गणतंत्र दिवस मनाबोन,
जुरमिल के संगी तिरंगा ल फहराबोन,
फेर ले लेबो जम्मो बीर सहीद के नाम,
मोर भारत भूइयाँ ल परनाम।।

चंदन वर्मा
करमा (भैंसा), खरोरा
जिला – रायपुर (छ. ग.)
मो. 8120274719

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बसंत आगे रे संगवारी

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घाम म ह जनावत हे
पुरवाही पवन सुरूर-सुरूर बहत हे
अमराई ह सुघ्घर मह महावत हे
बिहिनिहा के बेरा म चिराई-चुरगुन मन मुचमुचावत हे
बर-पीपर घलो खिलखिलावत हे
महुआ, अउ टेसू म गुमान आगे
बसंत आगे रे संगवारी
कोयली ह कुहकत हे
संरसों ह घलो महकत हे
सुरूर-सुरूर पवन पुरवाही भरत हे
मोर अंगना म संगवारी बसंत आगे
जेती देखव तेति हरिहर लागे
खेत-खार के रुख-राई मन भरमाथे
फागुन बन के आगे पहुना
अंगना म हे उछल मंगल
मड़वा सज के संगवारी के
बसंत आगे अंगना म
रंग-गुलाल खेबोन
बसंत आगे रे संगवारी
अपन राग रंग लेके
कुलकत हे मन सुरता करके
सुघ्घर बसंत आगे

लक्ष्मी नारायण लहरे “साहिल”
डॉ आंबेडकर चौक कोसीर
सारंगढ जिला रायगढ़
छत्तीसगढ़
09752319395

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कविता –महतारी भाखा

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छत्तीसगढ़िया अब सब्बो झन आघु अवव,
महतारी भाखा ल जगाये बर जाबो।

गांव-गांव म किंजर के छत्तीसगढ़ के गोठ-गोठियाबो,
सब्बो के करेजा म छत्तीसगढ़ी भाखा ल जगाबो।

छत्तीसगढ़ महतारी के मया ल सब्बो कोती बगराबो,
संगी -संगवारी संग छत्तीसगढ़ी म गोठियाबो।

महतारी के अब करजा ल चुकाबो,
छत्तीसगढ़ म छत्तीसगढ़ी भाखा म गोठियाबो।

छत्तीसगढ़ी भाखा-बोली के मीठ मया,
सब्बो छत्तीसगढ़िया अउ परदेसिया मनखे ल बताबो।

महतारी भाखा ल जगाबो संगी,
अवव हमर महतारी भाखा ल जगाबो।

अनिल कुमार पाली
तारबाहर बिलासपुर
छत्तीसगढ़
मो.न:- 7722906664

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कविता- बसंत बहार

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बसंत बहार छागे सुग्घर,
कोइली गीत गावत हे।
अमरइया के डारा सुग्घर,
लहर-लहर लहरावत हे।।

चिरइ चिरगुन चींव-चींव करके,
सुग्घर चहकी लगावत हे।
कउँवा करत हे काँव-काँव,
तितुर राग बगरावत हे।।

सरसों के सोनहा फुल फुलगे,
अरसी हा लहलहावत हे।
सुरूज मुखी हा चारो कोती,
सुग्घर अँजोर बगरावत हे।।

फुल बगियाँ मा फुल फुलगे,
सतरंगी रंग बगरावत हे,
मलनियाँ रानी मगन होके,
मने मन मुसकावत हे।।

आमा अमरइया मउँरगे सुग्घर,
डारा पाना हरियावत हे।
रूख राइ हा नाचत सुग्घर,
पुरवइया अँचरा डोलावत हे।।

वीना धरे हे सारदा माई,
सातो सुर लमावत हे।
गियानदायनी माँ बागीश्वरी,
गियान ला बगरावत हे।।

बसंत पंचमी के तिहार सुग्घर,
सबके मन ला भावत हे।
सीत लहर के बेरा मा,
बसंत बहार बगरावत हे।।

बसंत बहार छागे सुग्घर,
कोइली गीत गावत हे।
अमरइया के डारा सुग्घर,
लहर-लहर लहरावत हे।।

गोकुल राम साहू
धुरसा-राजिम(घटारानी)
जिला-गरियाबंद(छत्तीसगढ़)
मों.9009047156

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कविता –चिड़िया रानी

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चिड़िया रानी बड़ी सयानी ,
दिनभर पीती पानी।
दाना लाती अपना खाती,
बच्चों को संग खिलाती ।
चिड़िया रानी चिड़िया रानी —-।।

सुबह सुबह से ,
चींव चींव करके।
सबको सपनों से जगाती,
चिड़िया रानी चिड़िया रानी ।।

आसमान की सैर करती,
बाग बगीचों में घूमा करती।
रंग बिरंगी फूल देखकर ,
मीठी मीठी गीत सुनाती ।
चिड़िया रानी चिड़िया रानी ।।

बच्चों को उड़ना सिखाती,
घर घर के आंगन को जाती।
चींव चींव कर सबको बुलाती,
चिड़िया रानी चिड़िया रानी ।।

दाना लाती पत्ते लाती,
तिनका तिनका करके।
पेड़ों पर घर बनाती ,
चिड़िया रानी चिड़िया रानी ।।

प्रिया देवांगन “प्रियू”
पंडरिया
जिला – कबीरधाम (छत्तीसगढ़)
Priyadewangan1997@gmail.com

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परीक्षा

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परीक्षा के दिन आगे जी ,
लइका मन पढ़त हे,
अव्वल नंबर आही कहिके ,
मेहनत अबड़ करत हे।

बड़े बिहनिया सुत उठ के ,
पुस्तक कापी ल धरत हे,
मन लगाके पढ़त लिखत।
जिंनगी ल गढ़त हे।।

पढ़ लिख के विद्वान बनही,
रात दिन मेहनत करके।
दाई ददा के सेवा करही,
सपना पूरा करके।।

प्रिया देवांगन ” प्रियू”
पंडरिया
जिला – कबीरधाम (छत्तीसगढ़ )
Priyadewangan1997@gmail.com

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खिलखिलाती राग वासंती

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खिलखिलाक़े लहके
खिलखिलाक़े चहके
खिलखिलाक़े महके
खिलखिलाक़े बहके
खिलखिलाती राग वासंती आगे
खिलखिलाती सरसों
महकती टेसू
मदमस्त भँवरे
सुरीली कोयली
फागुन के महीना
अंगना म पहुना
बर पीपर म मैना बैठे हे
गोरी के गाल
हाथ म रंग गुलाल
पनघट म पनिहारिन
सज – संवर के बेलबेलावत हे
पानी भरे के बहाना म
सखी – संगवारी संग पिया के सुध म सोरियावत हे
मने मन अपन जिनगी के पीरा ल बिसरावत हे
खिलखिलाक़े राग वासंती आगे
पिंजरा ले मैना
आँखी ले काजर
हाथ ले कंगन
मुँह ले मीठ बोली
गावत हे सुघ्घर गीत
आगे संगवारी फागुन के महीना
अमराई म कोयल कुहकत हे रे
फागुन के महीना
मीठ बोली मैना बोलत हावे रे
आगे संगवारी मोरे घर अंगना
सब दुख पीरा
मया म भुलागे रे
आगे नव वासंती
मन रंग वासंती होगे रे
खिलखिलाक़े राग वासंती आगे रे ……

लक्ष्मी नारायण लहरे ” साहिल “
डॉ अम्बेडकर चौक कोसीर
सारंगढ़ जिला रायगढ़ छत्तीसगढ़

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वंदे मातरम

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देश हमर हे सबले प्यारा, एकर मान बढ़ाना हे।
भेदभाव ला छोड़ो संगी, सबला आघू आना हे।।

आजादी ला पाये खातिर, कतको जान गँवाये हे।
देश भक्त मन आघू आइस, तब आजादी आये हे।।

नइ झुकन देन हमर तिरंगा, लहर लहर लहराना हे।
भारत माँ के रक्षा खातिर, सीमा मा अब जाना हे।।

महेन्द्र देवांगन माटी
पंडरिया (कबीरधाम)
छत्तीसगढ़
8602407353
mahendradewanganmati@gmail.com

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पावन धरती राजिम ला जोहार

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पैरी सोढ़ू के धार, महानदी के फुहार
पावन धरती राजिम ला बारंबार जोहार
माघी पुन्नी के मेला भरागे
किसम किसम के मनखे सकलागे
दुख पीरा सबके बिसरागे
अउ आगे जीवन मा उजियार
पावन धरती राजिम ला बारंबार जोहार।

तीन नदी के संगम हे
जिहां बिराजे कुलेश्वर नाथ
हमर राज के हे परयाग
जागत राहय राजीवलोचन नाम
धन धन भाग छत्तीसगढ़ के
बाढ़त राहय एखर परताप
पावन धरती राजिम ला बारंबार जोहार।

पुन्नी पुनवास के मउसम आगे
हमर परयाग मा मेला भरागे
नवा सुरूज के दरसन पाके
जाड़ शीत हा घलो भगागे
चारो मुड़ा मा फूल फुले हे
अउ आगे बसंत बहार
पावन धरती राजिम ला बारंबार जोहार।

अमित कुमार
गाड़ाघाट, पाण्डुका-राजिम

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राजिम मेला

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राजिम मेला आगे संगी,
घूमे ल सब जाबो।
राजीव लोचन के दर्शन करके,
जल चढ़ा के आबो।
अब्बड़ भीड़ हाबे संगी,
राजिम के मेला में।
जगा जगा चाट पकौड़ी,
लगे हे ठेला में।
किसम किसम के माला मुंदरी
सबोझन बिसाबोन।
नान नान लइका मन बर,
ओखरा लाई लाबोन।
बड़े बड़े झूला लगे हे,
लइका मन ह झूलत हे।
ब्रेक डांस अऊ आकाश म,
बइठे बइठे घूमत हे।।

प्रिया देवांगन “प्रियू”
पंडरिया
जिला – कबीरधाम (छत्तीसगढ़)
Priyadewangan1997@gmail.com

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बसंत रितु आगे

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बसंत रितु आगे मन म पियार जगागे
हलु – हलु फागुन महीना ह आगे
सरसों , अरसी के फूल महमहावत हे
देख तो संगवारी कैसे बर – पीपर ह फुनगियागे
हलु – हलु फागुन महीना ह आगे
पिंयर – पिंयर सरसों खेत म लहकत हे
भदरी म परसा ह कैसे चमकत हे
अमली ह गेदरागे
बोइर ह पकपकागे
आमा मउर ह महमहावत हे
नीम ह फुनगियावत हे
रितु राज बसंत आगे
हलु – हलु फागुन महीना ह आगे
कोयली ह कुहकत हे
मीठ बोली बोलत हे
सखी ! रे देख तो सुरुज ह चमकत हे
सुरु – सुरु पवन ह पुरवाही भरत हे
बसंत रितु आगे
भौंरा ह गुनगुनावत हे
पिंजरा ले मैना बोलत हे
हलु – हलु फागुन महीना ह आगे
नगर म ढोल – नगारा बाजत हे
देख तो सवरेंगी रंग – गुलाल उड़ावत हे
संगी – संगवारी संग बेलबेलावत हे
बसंत रितु आगे मन म पियार जगागे
हलु – हलु फागुन महीना ह आगे

लक्ष्मी नारायण लहरे “साहिल”
डॉक्टर अम्बेडकर चौक कोसीर
सारंगढ़ रायगढ़, छत्तीसगढ़

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राजिम नगरी

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पबरित हावे राजिम नगरी,
पदमावती कहाये!
बीच नदिया मा कुलेश्वर बइठे,
तोरे महीमा गाये!!

महानदी अउ पइरी सोंढ़हू,
कल-कल धारा बोहाय!
तीनो नदिया के मिलन होगे,
तिरवेनी संगम कहाय!!

ब्रम्हा बिष्णु अउ सिव संकर,
सरग उपर ले सिस नवाये!
बेलाही घाट म लोमश रिसि,
सुग्घर धुनी रमाय!!

राजिव लोचन तोर कोरा म बइठे,
सुग्घर रूप सजाय!
राजिम के दुलौरिन करमा दाई,
तोर कोरा मा माँथ नवाय!!

राम लखन अउ सीया जानकी,
तोर दरस करे बर आय!
वीर सपुत बजरंगबली,
तोरे चँवर डोलाय!!

तोरे चरण म कलम धरके,
गोकुल महिमा बखाने!
आसिस देदे तैंहर मोला,
सुग्घर तोला गोहराय!!

पबरित हावे राजिम नगरी,
पदमावती कहाये!
बीच नदिया मा कुलेश्वर बइठे,
तोरे महीमा गाये!!

गोकुल राम साहू
धुरसा-राजिम(घटारानी)
जिला,-गरियाबंद(छत्तीसगढ़)
मों.9009047156

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जाड़ भागत हे

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जाड़ ह भागत हे जी,
गरमी के दिन आगे।
स्वेटर साल ल रखदे,
कुछु ओढे ल नइ लागे।
कुलर पंखा निकाल,
रांय रांय के दिन आगे।
घाम ह अब्बड़ बाढ़गे,
गरम गरम हावा लागे।
आमा अब्बड़ फरे हे,
लइका मन सब मोहागे।
चोरा चोरा के खावत लइका,
ओली म धर के भागे।।

प्रिया देवांगन “प्रियू”
पंडरिया
जिला – कबीरधाम (छत्तीसगढ़)
Priyadewangan1997@gmail.com

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नारी सक्ति

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सम्मान करव जी नारी मन के,
नारी सक्ति महान हे।
दुरगा,काली,चण्डी नारी,
नारी देवी समान हे।।

किसम-किसम के नता जुँड़े हे,
नारी मन के नाव में।
देंवता धामी सब माँथ नवाँथे,
नारी मन के पाँव में।।

रतिहा बेरा लोरी सुनाथे,
डोकरी दाई कहाथे।
नव महिना ले कोख मा रखके,
महातारी के फरज निभाथे।।

सात फेरा के भाँवर किंजर के,
सुहागिन नाव धराथे।
दाई ददा के सेवा करके,
बेटी ओहा कहाथे।।

भाई मन के कलाई मा सुग्घर,
राखी के धागा सजाथे।
मया दुलार करथे अउ,
बहिनी ओहा कहाथे।।

सम्मान करव जी नारी मन के,
नारी सक्ति महान हे।
दुरगा काली चण्डी नारी,
नारी देवी समान हे।।

गोकुल राम साहू
धुरसा-राजिम(घटारानी)
जिला-गरियाबंद(छत्तीसगढ़)
मों.9009047156

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